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annaa ka ramrajya

jago bhai jago
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इन दिनों अन्ना के आंदोलन के बाद हर किसी के जबान पर भ्रष्टाचार एवं ईमानदारी जैसे शब्दों के प्रयोग न सिर्फ बढ गये हैं बलिक इन शब्दों पर आधारित विषयों पर कुछ लोग एैसे भाषण देते हैं जैसे वो सब स्वयं सदा सत्य की राह पर चलते ही रहें हों। इमानदारी शब्द का अर्थ इतना दुरूह भी नहीं है कि समय के साथ इसके भावार्थ ही बदलते रहें बलिक यह इतना स्पष्ट है कि समझने वाले को इसके विष्लेषण की आवश्यकता ही नहीं होगी।एैसा मैं इसलिए कह रहा हूँँ क्योंकि मेरे कई करीबी लोग मुझे समझाते हैं कि आज के जमाने में वह भी इमानदार है जो पैसा लेकर समय से काम कर देता है किन्तु यह व्याख्या मेरी समझ से परे है। मैने पढा है कि उ0प्र0 विधि आयोग ने भ्रष्ट तरीके से अर्जित सम्पतित को जब्त करने का सुझाव दिया है। पढते ही शंका हुई कि क्या कोई भी सरकार इसकी जहमत उठायेगी क्याेंकि यहाँ तो कँुऐ मे ही भांग पडी है फिर मन को समझाता हू कि नर हो न निराश करो मन को। परिणाम भले ही भविष्य के गर्भ में हों किन्तु हम सभी को एैसा प्रयास अवश्य करना चाहिये जिससे कम से कम हम तो स्वयं उदाहरण प्रस्तुत कर सकें फिर दूसरे को सुझाव दें तब शायद अन्ना का कलिपत रामराज्य धीमी गति से ही सही किन्तु आ तो सके। जय हिन्द

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